Best Urdu Shayari
दिल की बात लबों पर ला कर अब तक हम दुख सहते हैं
हम ने सुना था इस बस्ती में दिल वाले भी रहते हैं
बीत गया सावन का महीना मौसम ने नज़रें बदलीं
लेकिन इन प्यासी आँखों से अब तक आँसू बहते हैं
एक हमें आवारा कहना कोई बड़ा इल्ज़ाम नहीं
दुनिया वाले दिल वालों को और बहुत कुछ कहते हैं
जिन की ख़ातिर शहर भी छोड़ा जिन के लिए बदनाम हुए
आज वही हम से बेगाने बेगाने से रहते हैं
वो जो अभी इस राहगुज़र से चाक-गरेबाँ गुज़रा था
उस आवारा दीवाने को 'जालिब' 'जालिब' कहते हैं
We've borne the burden of heart's secrets on our lips till now,
We'd heard that even in this town, there are those with hearts.
The month of Saawan has passed, seasons have changed,
But from these thirsty eyes, tears still flow.
To call us wanderers is no great accusation,
The world has much to say about those with hearts.
For whom cities were left, for whom we were defamed,
Today, they remain aloof from us.
The one who recently traversed this path,
They call this wanderer, 'strange, strange'.
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