दयार-ए-इश्क़ में अपना मक़ाम पैदा कर
नया ज़माना नए सुब्ह ओ शाम पैदा कर
ख़ुदा अगर दिल-ए-फ़ितरत-शनास दे तुझ को
सुकूत-ए-लाला-ओ-गुल से कलाम पैदा कर
Diyar-e-Ishq Mein Apna Maqam Paida Kar,Naya Zamana, Naye Subah-o-Sham Paida Kar;
Khuda Agar Dil-e-Fitrat Shanas De Tujh Ko,Sakoot-e-Lala-o-Gul Se Kalaam Paida Kar;
दयार-ए-इश्क़ में अपना मक़ाम पैदा कर
नया ज़माना नए सुब्ह ओ शाम पैदा कर
ख़ुदा अगर दिल-ए-फ़ितरत-शनास दे तुझ को
सुकूत-ए-लाला-ओ-गुल से कलाम पैदा कर
No comments:
Post a Comment