Makhmoor Dehlvi (1901-1956)
Prominent Delhi poet known for his shayari
ये वो नग़मा है जो हर साज़ पे गाया नहीं जाता
किसे अपना बनाएँ कोई इस क़ाबिल नहीं मिलता
यहाँ पत्थर बहुत मिलते हैं लेकिन दिल नहीं मिलता
मोहब्बत हो तो जाती है - मोहब्बत की नहीं जाती
ये शोला ख़ुद भड़क उठता है- भड़काया नहीं जाता
मुसाफ़िर अपनी मंज़िल पर पहुँच कर चैन पाते हैं
वो मौजें सर पटकती हैं जिन्हें साहिल नहीं मिलता
जिन्हें अब गर्दिश-ए-अफ़्लाक पैदा कर नहीं सकती
कुछ ऐसी हस्तियाँ भी दफ़्न हैं गोर-ए-ग़रीबाँ में
चमन तुम से इबारत है बहारें तुम से ज़िंदा हैं
तुम्हारे सामने फूलों से मुरझाया नहीं जाता
हर इक दाग़-ए-तमन्ना को कलेजे से लगाता हूँ
कि घर आई हुई दौलत को ठुकराया नहीं जाता
तुम्हारे नाम से मंसूब हो जाते हैं दीवाने
ये अपने होश में होते तो पहचाने कहाँ जाते
मोहब्बत असल में 'मख़मूर' वो राज़े हक़ीक़त है
समझ में आ गया है और समझाया नहीं जाता
There
are certain hearts dedicated to love
This
is a song that is not sung on every instrument
Make
it your own, no one deserves it
There
are many stones here but no heart
If
there is love, it is gone, but not love
This
flame ignites itself and is not ignited
Passengers
reach their destination and find peace
The
waves that do not reach the shore hit the head
Which
can no longer be created by the rotation of the heavens
Some
such personalities are also buried in the abyss
The
grass is for you, the springs are alive for you
Flowers
do not wither in front of you
I
apply every stain of desire to the heart
Wealth
that comes home is not rejected
Crazy
people are named after you
If
they were conscious, where would they be recognized?
Love
is actually the secret of reality Makhmoor
Understood
but still not explained
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